आधार – डाउनलोड | अपडेट | नामांकन | स्थिति | UIDAI
आधार एक 12 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या है जो भारत के हर निवासी को प्रदान की जाती है। यह पहचान बायोमेट्रिक डेटा जैसे कि उंगलियों के निशान, आंखों की पुतली की स्कैन और फोटो के साथ-साथ बुनियादी जनसांख्यिकीय विवरणों के आधार पर तैयार की जाती है।
यह संख्या पहचान प्रमाण के रूप में कार्य करती है और इसका उपयोग बैंकिंग, सत्यापन, और विभिन्न सरकारी योजनाओं एवं सेवाओं तक पहुंच के लिए किया जाता है। आधार को दुनिया की सबसे बड़ी बायोमेट्रिक पहचान प्रणाली माना जाता है, जिसे भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) द्वारा संचालित किया जाता है।
इस पृष्ठ पर आप आधार कार्ड डाउनलोड करने, अपडेट करने, स्थिति जांचने और जानकारी पुनः प्राप्त करने की पूरी प्रक्रिया जान सकते हैं।
UIDAI माई आधार लॉगिन
UIDAI के My Aadhaar पोर्टल के माध्यम से आप आधार से जुड़ी कई सेवाओं जैसे कि डाउनलोड, विवरण अपडेट, और स्थिति जांच जैसी सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। लॉगिन करने के लिए नीचे दिए गए आसान चरणों का पालन करें:
1. आधिकारिक पोर्टल पर जाएं:
myaadhaar.uidai.gov.in वेबसाइट खोलें।
2. “Login” पर क्लिक करें:
मुख्य पृष्ठ पर दिए गए “Login” बटन पर क्लिक करें।

3. आधार विवरण भरें:
अपना 12 अंकों का आधार नंबर और स्क्रीन पर दिखाया गया कैप्चा कोड दर्ज करें।
4. OTP प्राप्त करें:
“Send OTP” पर क्लिक करें। आपके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक वन-टाइम पासवर्ड (OTP) भेजा जाएगा।
5. लॉगिन पूरा करें:
प्राप्त OTP दर्ज करें और “Login” पर क्लिक करें। अब आप अपने Aadhaar डैशबोर्ड तक पहुंच सकते हैं और आवश्यक सेवाएं उपयोग कर सकते हैं।

आधार डाउनलोड कैसे करें: स्टेप-बाय-स्टेप गाइड
अपने आधार को डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए आसान चरणों का पालन करें:
- आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं
सबसे पहले UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं:
https://myaadhaar.uidai.gov.in - “Download Aadhaar” विकल्प पर क्लिक करें
होमपेज पर जाकर “Download Aadhaar” लिंक पर क्लिक करें।

3. पहचान सत्यापन का तरीका चुनें
अब आपको इनमें से एक विकल्प चुनना होगा:
– आधार नंबर
– नामांकन आईडी (Enrollment ID)
– वर्चुअल आईडी (Virtual ID)
4. जानकारी भरें
चयनित आईडी (Aadhaar Number/EID/VID) दर्ज करें, कैप्चा कोड टाइप करें, और “Send OTP” पर क्लिक करें।
5. OTP दर्ज करें
आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक OTP आएगा। उस OTP को दर्ज करें और “Verify and Download” पर क्लिक करें।
6. आधार डाउनलोड करें
जैसे ही OTP वेरीफाई होता है, आपका आधार PDF फॉर्मेट में अपने डिवाइस में डाउनलोड होना शुरू हो जाएगा।
आधार अपडेट करें
अपने आधार कार्ड की जानकारी अपडेट करने के लिए नीचे दिए गए आसान चरणों का पालन करें:
- सबसे पहले आधिकारिक UIDAI वेबसाइट https://myaadhaar.uidai.gov.in पर जाएं।
- “Update Aadhaar” विकल्प पर क्लिक करें।

3. अगली स्क्रीन पर “Click to Submit” बटन पर क्लिक करें।
4. लॉगिन पेज पर अपना आधार नंबर और कैप्चा कोड दर्ज करें।
5. अब वह जानकारी चुनें जिसे आप अपडेट करना चाहते हैं, फिर “Proceed” पर क्लिक करें।
6. संबंधित बदलाव के लिए आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें।
7. सभी जानकारी ध्यान से जांचें और “Submit” बटन दबाएं।
8. अपडेट सफलतापूर्वक जमा करने के बाद कुछ ही दिनों में प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। आप अपना अपडेटेड आधार डाउनलोड करके बदलाव की पुष्टि कर सकते हैं।
आधार स्टेटस जांचें
अपने आधार कार्ड की स्थिति जांचने के लिए नीचे दिए गए आसान चरणों का पालन करें:
- सबसे पहले आधिकारिक UIDAI वेबसाइट पर जाएं: https://myaadhaar.uidai.gov.in
- होमपेज पर “Check Enrolment & Update Status” विकल्प पर क्लिक करें।

3. अगले पेज पर आपको प्रमाणीकरण के लिए एक विकल्प चुनना होगा — एनरोलमेंट आईडी (EID), SRN या URN।
4. सभी आवश्यक विवरण और कैप्चा कोड दर्ज करें, फिर “Submit” बटन पर क्लिक करें।
5. इसके बाद आपकी आधार स्थिति स्क्रीन पर प्रदर्शित हो जाएगी।
आधार क्या है?
आधार भारत सरकार द्वारा देश के प्रत्येक निवासी को जारी किया गया एक अद्वितीय 12-अंकों का पहचान संख्या है। यह प्रणाली व्यक्ति की पहचान स्थापित करने के लिए उसकी बायोमेट्रिक जानकारी—जैसे कि 10 उंगलियों के निशान, 2 आंखों की पुतलियों का स्कैन और एक चेहरे की तस्वीर—और जनसांख्यिकीय विवरण को एकत्र करती है।
28 जनवरी 2009 को शुरू किया गया आधार, दुनिया की सबसे बड़ी बायोमेट्रिक आईडी प्रणाली है। इसे भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) द्वारा प्रबंधित किया जाता है, जो इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है।
सभी एकत्रित जानकारी एक सुरक्षित केंद्रीय डेटाबेस में संग्रहित की जाती है और इसका उपयोग पहचान, प्रमाणीकरण और विभिन्न सरकारी एवं वित्तीय सेवाओं तक पहुंच के लिए किया जाता है।
आधार का उद्देश्य और लाभ
- पहचान सत्यापन: आधार एक विशिष्ट 12-अंकों की संख्या प्रदान करता है जो व्यक्ति की बायोमेट्रिक जानकारी जैसे कि फिंगरप्रिंट, आईरिस स्कैन और फोटो से जुड़ी होती है। यह पूरे भारत में सार्वभौमिक पहचान प्रमाण के रूप में कार्य करता है और नकली या डुप्लिकेट पहचान को समाप्त करने में मदद करता है।
- डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT): आधार यह सुनिश्चित करता है कि सरकारी सब्सिडी और कल्याणकारी लाभ सही व्यक्ति के बैंक खाते में सीधे भेजे जाएं। इससे धोखाधड़ी की संभावना कम होती है और लाभ वितरण की प्रक्रिया अधिक प्रभावी बनती है।
- बीमा: आधार की मदद से केवाईसी (KYC) प्रक्रिया तेज और आसान हो जाती है, जिससे कागजी कार्रवाई कम होती है और धोखाधड़ी की संभावना घटती है। यह बीमा सेवाओं को देशभर में अधिक लोगों के लिए सुलभ बनाता है।
- बैंक खाता: आधार बैंक खाता खोलने की प्रक्रिया को सरल बना देता है क्योंकि यह एक मान्य और पूर्ण KYC दस्तावेज़ के रूप में स्वीकार किया जाता है। इससे वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलता है और अधिक लोग बैंकिंग सेवाओं से जुड़ पाते हैं।
आलोचना और चिंताएँ
हालाँकि आधार कई महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करता है, लेकिन इसे लेकर विभिन्न प्रकार की आलोचनाएँ और चिंताएँ भी सामने आई हैं, जिन्हें नीचे उल्लेखित किया गया है।
धोखाधड़ी और दुरुपयोग
हालाँकि आधार को पहचान संबंधी धोखाधड़ी को रोकने के उद्देश्य से विकसित किया गया था, फिर भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहाँ इस प्रणाली का दुरुपयोग किया गया है। इनमें नकली आधार नंबर बनाना और बायोमेट्रिक डेटा का अनधिकृत रूप से उपयोग या दुरुपयोग शामिल है।
आलोचकों का कहना है कि ऐसे घटनाक्रम आधार प्रणाली की गंभीर कमजोरियों को उजागर करते हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, आधार जानकारी का उपयोग अवैध रूप से बैंक खाते खोलने या सिम कार्ड प्राप्त करने के लिए किया गया है, जिससे पहचान की चोरी, वित्तीय धोखाधड़ी और व्यक्तियों की निजी सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हुआ है।
डेटा लीक और सुरक्षा समस्याएं
आधार को डेटा गोपनीयता और सुरक्षा को लेकर गंभीर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। कई बार ऐसी घटनाएं सामने आई हैं जहां लाखों लोगों की व्यक्तिगत जानकारी लीक हो गई।
इन डेटा लीक मामलों ने मौजूदा सुरक्षा उपायों की प्रभावशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं और बड़े पैमाने पर गोपनीयता के उल्लंघन की आशंका जताई गई है।
आलोचकों का कहना है कि आधार का केंद्रीकृत डाटाबेस ढांचा साइबर हमलों और अनधिकृत पहुंच के लिए एक आकर्षक लक्ष्य बन जाता है, जिससे भारतीय नागरिकों के संवेदनशील व्यक्तिगत और बॉयोमेट्रिक डेटा को खतरा होता है।
आधार पर निर्णय (2018 सुप्रीम कोर्ट का फैसला)
2018 में, भारत के माननीय सुप्रीम कोर्ट ने आधार की संवैधानिक वैधता और उसके उपयोग से संबंधित एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया। इस निर्णय की प्रमुख बातें निम्नलिखित हैं:
1. संवैधानिक रूप से वैध:
कोर्ट ने आधार को संविधान सम्मत घोषित किया और इसे समाज के वंचित वर्गों को सशक्त बनाने का एक माध्यम माना, जिससे वे विभिन्न सरकारी सब्सिडी और कल्याणकारी योजनाओं तक पहुंच सकें।
2. सीमित अनिवार्यता:
कोर्ट ने कहा कि आधार केवल उन सरकारी योजनाओं के लिए अनिवार्य किया जा सकता है जो संविलियन निधि (Consolidated Fund of India) से वित्तपोषित होती हैं। लेकिन आधार को निम्न सेवाओं के लिए अनिवार्य नहीं किया जा सकता:
बैंक खाता खोलने के लिए
मोबाइल सिम कार्ड प्राप्त करने के लिए
स्कूल में प्रवेश या CBSE, NEET, JEE जैसे प्रवेश परीक्षाओं के लिए
3. गोपनीयता की सुरक्षा:
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आधार गोपनीयता के अधिकार का उल्लंघन नहीं करता यदि मजबूत सुरक्षा उपाय लागू किए जाएं। अदालत ने UIDAI को निर्देश दिया कि वह बायोमेट्रिक डेटा का उपयोग केवल प्रमाणीकरण के उद्देश्य से करे और किसी अन्य उद्देश्य के लिए साझा न करे।
4. धारा 57 अमान्य घोषित:
कोर्ट ने आधार अधिनियम की धारा 57 को अमान्य कर दिया, जो निजी कंपनियों और संस्थाओं को आधार प्रमाणीकरण का उपयोग करने की अनुमति देती थी। अब टेलीकॉम कंपनियां और बैंक जैसी निजी संस्थाएं सेवाएं देने के लिए आधार अनिवार्य नहीं कर सकतीं।
5. डेटा रखने की अवधि सीमित:
कोर्ट ने UIDAI को निर्देश दिया कि प्रमाणीकरण डेटा को अधिकतम छह महीने तक ही संग्रहीत किया जाए, जबकि पहले यह अवधि पांच साल थी।
निष्कर्ष:
यह ऐतिहासिक फैसला आधार के सामाजिक लाभों और व्यक्तिगत गोपनीयता की सुरक्षा के बीच संतुलन स्थापित करता है। साथ ही यह सुनिश्चित करता है कि आधार का उपयोग केवल आवश्यक सरकारी लाभों तक ही सीमित रहे।
सावधानियाँ (Precautions)
- अपने आधार पत्र, पीवीसी कार्ड या उनकी किसी भी प्रिंटेड या डिजिटल प्रति को कहीं भी लावारिस न छोड़ें।
- अपने आधार नंबर को सार्वजनिक प्लेटफ़ॉर्म जैसे कि ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम या किसी भी ऑनलाइन फोरम पर साझा न करें।
- किसी भी अनधिकृत व्यक्ति या संस्था के साथ अपना आधार ओटीपी (वन-टाइम पासवर्ड) साझा न करें।
- अधिक सुरक्षा के लिए मास्क्ड आधार का उपयोग करें, जिससे आधार संख्या के पहले आठ अंक छिपे रहते हैं।
- अपने mAadhaar ऐप का पिन गुप्त रखें और किसी के साथ भी साझा न करें।
e-आधार क्या है?
e-आधार आपके आधार कार्ड का इलेक्ट्रॉनिक रूप है, जिसे भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) द्वारा आधिकारिक रूप से जारी और डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित किया जाता है।
इसकी कानूनी मान्यता भौतिक आधार कार्ड के बराबर है और इसमें आपका आधार नंबर, फोटो और जनसांख्यिकीय जानकारी जैसी सभी आवश्यक जानकारियां शामिल होती हैं। सुविधा को ध्यान में रखकर तैयार किया गया e-आधार सुरक्षित और आसानी से सुलभ है, जिससे आप अपनी पहचान संबंधी जानकारी कभी भी, कहीं भी आसानी से साथ रख सकते हैं और साझा कर सकते हैं।
UIDAI क्या है?
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) एक वैधानिक निकाय है, जिसे “आधार (लक्षित वितरित वित्तीय और अन्य सब्सिडी, लाभ और सेवाएं) अधिनियम, 2016” के तहत स्थापित किया गया है।
यह प्राधिकरण भारत सरकार द्वारा जनवरी 2009 में स्थापित किया गया था और यह इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के अंतर्गत कार्य करता है। UIDAI का मुख्य कार्य भारत के सभी निवासियों को 12 अंकों की एक विशिष्ट पहचान संख्या – आधार – जारी करना है, ताकि पहचान सत्यापन को सरल बनाया जा सके और सार्वजनिक सेवाओं तक पहुंच बेहतर हो सके।
ताज़ा अपडेट
1. UIDAI और Sarvam AI की साझेदारी:
UIDAI ने Sarvam AI के साथ साझेदारी की है ताकि अपने सुरक्षित, इंटरनेट से अलग (air-gapped) इंफ्रास्ट्रक्चर में एक जनरेटिव AI समाधान लागू किया जा सके। यह पहल मार्च 2025 के आसपास घोषित की गई थी, जिसका उद्देश्य आधार धारकों के लिए वॉइस-बेस्ड इंटरएक्शन को सक्षम बनाना है। इससे यूज़र्स को बेहतर पहुंच और लगभग रियल-टाइम में सहायता मिलेगी।
2. बायोमेट्रिक SDK बेंचमार्किंग चैलेंज:
UIDAI ने हाल ही में एक बायोमेट्रिक चैलेंज शुरू किया है, जिसका उद्देश्य उंगलियों के निशान के एल्गोरिद्म में उम्र के प्रभाव को जांचना है। इसका पहला चरण मार्च 2025 के अंत में घोषित किया गया था और यह विशेष रूप से फिंगरप्रिंट ऑथेंटिकेशन पर केंद्रित है। यह पहल आधार प्रमाणीकरण तकनीकों की विश्वसनीयता और सटीकता बढ़ाने की UIDAI की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
UIDAI की मुख्य जिम्मेदारियाँ और कार्य
- आधार नंबर जारी करना: UIDAI भारत के निवासियों को विशिष्ट 12-अंकों का आधार नंबर जारी करने की ज़िम्मेदारी निभाता है, जो व्यक्ति की बायोमेट्रिक और जनसांख्यिकीय जानकारी से जुड़ा होता है।
- डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करना: यह प्राधिकरण एक केंद्रीकृत डेटाबेस का प्रबंधन करता है जिसमें सभी आधार धारकों की बायोमेट्रिक और जनसांख्यिकीय जानकारी सुरक्षित रूप से संग्रहित होती है।
- नीतियाँ और प्रोटोकॉल बनाना: UIDAI आधार जारी करने, जानकारी अपडेट करने और पहचान सत्यापन के लिए नीतियाँ, दिशानिर्देश और प्रणाली विकसित करता है।
- अन्य डेटाबेस से एकीकरण: यह आधार को विभिन्न साझेदार डेटाबेस से जोड़ने की प्रक्रिया और तंत्र निर्धारित करता है, जिससे सेवाओं का वितरण सुरक्षित और सुगम होता है।
- पहचान सत्यापन में सहायक: UIDAI एक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म प्रदान करता है जिससे विभिन्न एजेंसियाँ सेवाएं प्रदान करने के लिए आधार धारकों की पहचान सत्यापित कर सकें।
इन्फ्रास्ट्रक्चर और संचालन
UIDAI के प्रमुख डेटा सेंटर मानेसर और बेंगलुरु में स्थित हैं, जहाँ लगभग 7,000 सर्वर लगे हुए हैं जो आधार से संबंधित विशाल डेटा को प्रबंधित और सुरक्षित रखने का कार्य करते हैं।
शुरुआत से ही UIDAI का उद्देश्य एक ऐसा सुरक्षित और विश्वसनीय सिस्टम बनाना रहा है जो डुप्लिकेट या फर्जी पहचान को समाप्त कर सके। आधार की संरचना इस तरह से की गई है कि पहचान सत्यापन और प्रमाणीकरण कहीं भी, कभी भी और बेहद किफायती तरीके से किया जा सके।
UIDAI ने डिजिटल पहचान सत्यापन को विश्वसनीय बनाकर सेवा वितरण में पारदर्शिता और कुशलता को बढ़ावा दिया है, जिससे भारत की सरकारी और गैर-सरकारी सेवाओं की डिजिटल संरचना को मजबूती मिली है।
दृष्टिकोण (Vision)
UIDAI का दृष्टिकोण है कि भारत के प्रत्येक निवासी को एक अद्वितीय पहचान और एक भरोसेमंद डिजिटल प्लेटफॉर्म प्रदान किया जाए, जिससे वे कभी भी, कहीं भी अपनी पहचान प्रमाणित कर सकें। इसका उद्देश्य एक सुरक्षित और समावेशी प्रणाली बनाना है, जो पहचान सत्यापन को सरल बनाए और विभिन्न सेवाओं और सरकारी लाभों तक पहुंच को बेहतर बनाए।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
नीचे आपको अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर मिलेंगे।